नक्षत्रों की कहानी, उपाय और गहरे रहस्य | जानिए आपके नक्षत्र का प्रभाव!"

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प्रत्येक नक्षत्र के लिए प्रतीक, देवता, और उनसे संबंधित सफलता के उपाय दिए गए हैं:

Nakshatron ka gyan



1. अश्विनी (Ashwini)

  • प्रतीक: घोड़ा (Horse)
  • देवता: अश्विनी कुमार (स्वास्थ्य के देवता)
  • कहानी: अश्विनी कुमारों ने घोड़े की गति और शक्ति से देवताओं को स्वस्थ किया।
  • उपाय:
    • प्रातः जल्दी उठकर सूर्य को जल अर्पित करें।
    • किसी बीमार व्यक्ति की सेवा करें।
    • घोड़े की प्रतिमा घर में रखें।

2. भरणी (Bharani)

  • प्रतीक: योनि (Womb)
  • देवता: यम (न्याय के देवता)
  • कहानी: यह नक्षत्र जन्म और मृत्यु के चक्र को दर्शाता है।
  • उपाय:
    • गरीब बच्चों को शिक्षा दें।
    • कर्मों में न्याय और सच्चाई को अपनाएं।
    • शनिवार को यमराज मंत्र का जाप करें।

3. कृतिका (Krittika)

  • प्रतीक: चाकू (Knife)
  • देवता: अग्नि (Fire)
  • कहानी: यह नक्षत्र अग्नि तत्व से जुड़ा है, जो शुद्धिकरण करता है।
  • उपाय:
    • रसोई में भोजन बनाते समय मंत्रोच्चार करें।
    • घर में अग्निहोत्र करें।
    • गरीबों को खाना खिलाएं।

4. रोहिणी (Rohini)

  • प्रतीक: बैल (Bull)
  • देवता: ब्रह्मा (सृष्टि के रचयिता)
  • कहानी: रोहिणी नक्षत्र विकास और उर्वरता से जुड़ा है।
  • उपाय:
    • शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
    • गौशाला में सेवा करें।
    • घर में तुलसी का पौधा लगाएं।

5. मृगशिरा (Mrigashira)

  • प्रतीक: हिरण (Deer)
  • देवता: चंद्र (चंद्रमा)
  • कहानी: यह नक्षत्र ज्ञान और खोज का प्रतीक है।
  • उपाय:
    • सफेद कपड़े पहनें।
    • जल स्रोतों की सफाई करें।
    • सोमवार को चंद्र मंत्र का जाप करें।

6. आर्द्रा (Ardra)

  • प्रतीक: आँसू (Tear Drop)
  • देवता: रुद्र (शिव का उग्र रूप)
  • कहानी: यह नक्षत्र विनाश और पुनर्जन्म का प्रतीक है।
  • उपाय:
    • शिवजी की पूजा करें।
    • गरीबों को बारिश में छाता दें।
    • गले की समस्याओं से बचने के लिए गले में रुद्राक्ष पहनें।

7. पुनर्वसु (Punarvasu)

  • प्रतीक: धनुष (Bow)
  • देवता: अदिति (मातृशक्ति)
  • कहानी: यह नक्षत्र पुनः निर्माण और आशा से जुड़ा है।
  • उपाय:
    • माता की सेवा करें।
    • घर में हरे पौधे लगाएं।
    • बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

8. पुष्य (Pushya)

  • प्रतीक: फूल (Flower)
  • देवता: बृहस्पति (गुरु)
  • कहानी: यह नक्षत्र समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है।
  • उपाय:
    • गुरु का सम्मान करें।
    • केले के पेड़ की पूजा करें।
    • गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें।

9. आश्लेषा (Ashlesha)

  • प्रतीक: साँप (Serpent)
  • देवता: नाग देवता
  • कहानी: यह नक्षत्र गूढ़ ज्ञान और रहस्यों से जुड़ा है।
  • उपाय:
    • नाग पंचमी पर नागों की पूजा करें।
    • मानसिक शांति के लिए ध्यान करें।
    • दूध में केसर मिलाकर पीएं।

10. मघा (Magha)

  • प्रतीक: सिंहासन (Throne)
  • देवता: पितर (पूर्वज)
  • कहानी: यह नक्षत्र राजसी वैभव और पूर्वजों से जुड़ा है।
  • उपाय:
    • पितरों का श्राद्ध करें।
    • पुरानी वस्तुओं का सम्मान करें।
    • सूर्य देव को अर्घ्य दें।

11. पूर्वाफाल्गुनी (Purva Phalguni)

  • प्रतीक: पलंग (Bed)
  • देवता: भग (विवाह और सुख के देवता)
  • कहानी: यह नक्षत्र सुख और आनंद का प्रतीक है।
  • उपाय:
    • दाम्पत्य जीवन को मजबूत करें।
    • कला और संगीत से जुड़े रहें।
    • शुक्र मंत्र का जाप करें।

12. उत्तराफाल्गुनी (Uttara Phalguni)

  • प्रतीक: खटिया (Couch)
  • देवता: आर्यमान (मित्रता के देवता)
  • कहानी: यह नक्षत्र दोस्ती और दान से जुड़ा है।
  • उपाय:
    • मित्रों की मदद करें।
    • सेवा कार्य करें।
    • सफेद वस्त्र पहनें।
13. हस्त (Hasta)

प्रतीक: हाथ (Hand)

देवता: सूर्य (Surya)

कहानी: यह नक्षत्र कुशलता और कर्मठता का प्रतीक है।

उपाय:

अपने हाथों से कोई रचनात्मक कार्य करें (जैसे सिलाई, कढ़ाई, लेखन)।

किसी जरूरतमंद को मदद करें।

रोज सुबह सूर्य को जल अर्पित करें।


14. चित्रा (Chitra)

प्रतीक: चमकता हुआ हीरा (Bright Jewel)

देवता: त्वष्टा (वास्तु और रचनात्मकता के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र सौंदर्य और निर्माण का प्रतीक है।

उपाय:

घर की साज-सज्जा पर ध्यान दें।

किसी भी कार्य में रचनात्मकता लाएं।

कला या फैशन से जुड़े कार्यों में भाग लें।

15. स्वाति (Swati)

प्रतीक: अकेला गिरता हुआ पत्ता (Blowing Leaf)

देवता: वायु (हवा के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र स्वतंत्रता और अनुकूलन क्षमता से जुड़ा है।

उपाय:

वायु देव के मंत्रों का जाप करें।

खुले मैदान में समय बिताएं।

ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।


16. विशाखा (Vishakha)

प्रतीक: मेहराब (Triumphal Arch)

देवता: इंद्र और अग्नि

कहानी: यह नक्षत्र दोराहे पर खड़े व्यक्ति की तरह है, जो सफलता की ओर बढ़ता है।

उपाय:

लक्ष्मी माता की पूजा करें।

दान-पुण्य करें।

सुबह जल्दी उठकर योग करें।

17. अनुराधा (Anuradha)

प्रतीक: कमल (Lotus)

देवता: मित्र (संबंधों के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र मित्रता और अनुशासन से जुड़ा है।

उपाय:

मित्रों का सम्मान करें।

भगवान विष्णु की पूजा करें।

रुद्राक्ष धारण करें।

18. ज्येष्ठा (Jyeshtha)

प्रतीक: छत्र (Umbrella)

देवता: इंद्र (देवताओं के राजा)

कहानी: यह नक्षत्र शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक है।

उपाय:

जरूरतमंदों को छाता दान करें।

प्रतिदिन इंद्र मंत्र का जाप करें।

जल स्रोतों की सफाई करें।

19. मूल (Moola)

प्रतीक: जड़ें (Roots)

देवता: निरृति (अधर्म की देवी)

कहानी: यह नक्षत्र अतीत से जुड़े कर्मों को दर्शाता है।

उपाय:

अपने पूर्वजों का सम्मान करें।

घर में शुद्धता बनाए रखें।

भगवान शिव की पूजा करें।

20. पूर्वाषाढ़ा (Purva Ashadha)

प्रतीक: हाथी का दाँत (Elephant Tusk)

देवता: अपः (जल देवता)

कहानी: यह नक्षत्र स्थिरता और अडिगता का प्रतीक है।

उपाय:

पानी से जुड़े कार्यों में भाग लें।

नियमित रूप से स्नान करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।

माता गंगा की पूजा करें।


21. उत्तराषाढ़ा (Uttara Ashadha)

प्रतीक: हाथी की सूंड (Elephant Trunk)

देवता: विश्वदेव (सामूहिक शक्ति के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र दृढ़ निश्चय और सफलता से जुड़ा है।

उपाय:

गणेश जी की पूजा करें।

स्वयं पर विश्वास रखें।

सुबह जल्दी उठें और लक्ष्य निर्धारित करें।


22. श्रवण (Shravana)

प्रतीक: कान (Ear)

देवता: विष्णु

कहानी: यह नक्षत्र सुनने और सीखने की शक्ति को दर्शाता है।

उपाय:

गुरुजनों का सम्मान करें।

मंत्र जाप करें।

धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें।


23. धनिष्ठा (Dhanishta)

प्रतीक: ढोल (Drum)

देवता: आठ वसु (समृद्धि के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र संगीत और लयबद्धता का प्रतीक है।

उपाय:

संगीत सुनें और मन को शांत रखें।

नियमित रूप से नृत्य या वाद्य यंत्र बजाएं।

भौतिक संपत्ति को सही दिशा में उपयोग करें।


24. शतभिषा (Shatabhisha)

प्रतीक: गोलाकार रिंग (Circle)

देवता: वरुण (समुद्र और रहस्य के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र रहस्यों और चिकित्सा से जुड़ा है।

उपाय:

जल देवता की पूजा करें।

ज्योतिष या आध्यात्मिक अध्ययन करें।

जरूरतमंदों को दवाइयां दान करें।


25. पूर्वाभाद्रपद (Purva Bhadrapada)

प्रतीक: तलवार (Sword)

देवता: अज एकपाद (योग और तपस्या के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र उग्रता और तपस्या से जुड़ा है।

उपाय:

भगवान शिव की उपासना करें।

मन को नियंत्रित करें।

ध्यान और योग करें।

26. उत्तराभाद्रपद (Uttara Bhadrapada)

प्रतीक: दो चेहरों वाली छड़ी (Twins)

देवता: अहिरबुध्न्य (सांप के देवता)

कहानी: यह नक्षत्र गूढ़ ज्ञान और स्थिरता से जुड़ा है।

उपाय:

अनाथ बच्चों की सहायता करें।

अपने भीतर शांति बनाए रखें।

आध्यात्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें।

27. रेवती (Revati)

प्रतीक: मछली (Fish)

देवता: पूषा (पालनहार देवता)

कहानी: यह नक्षत्र पालन-पोषण और यात्रा से जुड़ा है।

उपाय:

किसी भूखे को भोजन कराएं।

लंबी यात्राओं से पहले भगवान विष्णु का स्मरण करें।

शांत संगीत सुनें और ध्यान करें।

निष्कर्ष


आपने जो सिद्धांत दिया है, वह बहुत रोचक और प्रभावशाली है। हर व्यक्ति अपने नक्षत्र के प्रतीक को अपनाकर जीवन में सफलता पा सकता है। 


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