7 चक्र, 7 ग्रह, 5 तत्व और आत्मा की मुक्ति: Unlocking Liberation through Astrological Energy Balance"

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शीर्षक: "7 चक्र, 7 ग्रह, 5 तत्व और आत्मा की मुक्ति: Unlocking Liberation through Astrological Energy Balance"

😱💎😃🚀🌷 *जीवन की सभी प्रॉब्लम HRCM HEALTH RELATIONSHIP CAREER MONEY SOLUTION इन सात चक्कर में छिपा है रहस्य Liberate your Soul 🥳😱💎😃🚀🌷*

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7 ऊर्जा चक्कर of human body

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हमारा शरीर केवल मांस और हड्डियों का ढांचा नहीं है, बल्कि यह एक सूक्ष्म ऊर्जा-तंत्र है जहाँ सात चक्र, पंचतत्व और नौ ग्रह मिलकर जीवन की दिशा तय करते हैं। जब ये ऊर्जाएं संतुलन में होती हैं, तो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से प्रबल होता है। परंतु जब इनमें असंतुलन होता है, तो जीवन में बाधाएं, बीमारियां, असफल रिश्ते और करियर की रुकावटें आने लगती हैं।
इस लेख में हम गहराई से जानेंगे कि कैसे 7 चक्र, 7 ग्रह और 5 तत्व हमारे जीवन के हर क्षेत्र—स्वास्थ्य (Health), संबंध (Relationship), करियर (Career), और धन (Money)—को प्रभावित करते हैं, और कैसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इन ऊर्जाओं को संतुलित कर आत्मा की मुक्ति (Liberation) और पूर्ण जीवन की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।

भूमिका: क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपके जीवन में Health, Relationship, Career या Money में कोई ना कोई ब्लॉकेज बना ही रहता है? लाख कोशिशों के बावजूद चीज़ें अटकती जाती हैं? इसका उत्तर छिपा है – आपके भीतर, आपके चक्रों (Chakras), आपकी ऊर्जा (Energy) और आपकी कुंडली (Birth Horoscope) में।

प्रकृति ने हमें 7 शक्तिशाली ऊर्जा केंद्र (Seven Chakras) दिए हैं। ये चक्र हमारे शरीर में ऊर्जा के पहियों की तरह कार्य करते हैं, और इनका संबंध हमारे जीवन के हर पहलू – स्वास्थ्य, संबंध, करियर, मानसिक स्थिति, आत्मा और धन से होता है।

हर चक्र एक ग्रह और एक पंचतत्व से जुड़ा होता है। जब कोई ग्रह कमजोर होता है या जन्मकुंडली में दोषयुक्त होता है, तो उससे संबंधित चक्र की ऊर्जा डिस्टर्ब हो जाती है। यही असंतुलन मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक परेशानियों का कारण बनता है।

अब प्रश्न यह है: क्या इन चक्रों को बैलेंस करके हम जीवन की हर HRCM ब्लॉकेज (Health, Relationship, Career, Money) से Liberation पा सकते हैं?

उत्तर है – हां, बिल्कुल।


1. मूलाधार चक्र (Root Chakra) – “लं” बीज मंत्र

  • स्थान: रीढ़ की हड्डी के सबसे नीचे
  • ग्रह: शनि (Saturn)
  • तत्व: पृथ्वी (Earth)
  • जीवन क्षेत्र: सुरक्षा, स्थिरता, अस्तित्व
  • दिक्कतें: डर, असुरक्षा, धन की कमी, नींव कमजोर
  • जन्मकुंडली संकेत: यदि शनि नीच का है या छठे/आठवें भाव में है
  • उपचार:
    • लं मंत्र का जाप करें
    • धरती से जुड़ें – बागवानी करें, नंगे पैर मिट्टी पर चलें
    • शनिवार को काले तिल, उड़द दान करें
    • नींद और खानपान को संतुलित करें

2. स्वाधिष्ठान चक्र (Sacral Chakra) – “वं” बीज मंत्र

  • स्थान: नाभि के नीचे
  • ग्रह: चंद्रमा (Moon)
  • तत्व: जल (Water)
  • जीवन क्षेत्र: भावनाएं, संबंध, रचनात्मकता
  • दिक्कतें: मूड स्विंग, संबंधों में टूटन, self-worth की कमी
  • जन्मकुंडली संकेत: चंद्रमा नीच का या राहु/केतु के साथ
  • उपचार:
    • वं मंत्र का जाप करें
    • जल से जुड़ें – तैरना, स्नान ध्यान
    • सोमवार को सफेद भोजन और दूध का दान
    • अपनी भावनाओं को लिखें और अभिव्यक्त करें

3. मणिपुर चक्र (Solar Plexus) – “रं” बीज मंत्र

  • स्थान: नाभि क्षेत्र
  • ग्रह: मंगल (Mars)
  • तत्व: अग्नि (Fire)
  • जीवन क्षेत्र: आत्मबल, एक्शन, आत्म-सम्मान
  • दिक्कतें: क्रोध, डर, निर्णय न ले पाना
  • जन्मकुंडली संकेत: मंगल नीच का या शत्रु ग्रहों से पीड़ित
  • उपचार:
    • रं मंत्र का जाप करें
    • सूर्य स्नान करें (Surya Sadhna)
    • मंगलवार को लाल वस्त्र या मसूर दाल का दान
    • एक्टिव रहना – रनिंग, योग करें

4. अनाहत चक्र (Heart Chakra) – “यं” बीज मंत्र

  • स्थान: हृदय क्षेत्र
  • ग्रह: शुक्र (Venus)
  • तत्व: वायु (Air)
  • जीवन क्षेत्र: प्रेम, सहानुभूति, आभार
  • दिक्कतें: दिल टूटना, क्षमा न कर पाना, ईर्ष्या
  • जन्मकुंडली संकेत: शुक्र नीच का, सप्तम भाव में अशुभ योग
  • उपचार:
    • यं मंत्र का जाप करें
    • ग्रीन कलर पहनें, गुलाब का सेवन या सुगंध
    • शुक्रवार को दान करें, प्रेम और करुणा का अभ्यास करें
    • हार्ट-ओपनिंग योगासन करें

5. विशुद्धि चक्र (Throat Chakra) – “हं” बीज मंत्र

  • स्थान: गला
  • ग्रह: बुध (Mercury)
  • तत्व: आकाश (Ether)
  • जीवन क्षेत्र: अभिव्यक्ति, कम्युनिकेशन
  • दिक्कतें: झिझक, गला खराब रहना, झूठ बोलना
  • जन्मकुंडली संकेत: बुध अष्टम या द्वादश भाव में, नीच का
  • उपचार:
    • हं मंत्र का जाप करें
    • नीला रंग अपनाएं
    • बुधवार को हरे फल, हरी मूंग का दान करें
    • बोलने का अभ्यास – स्पष्ट, सत्य और नम्रता से

6. आज्ञा चक्र (Third Eye) – “ॐ” बीज मंत्र

  • स्थान: भौंहों के बीच
  • ग्रह: गुरु (Jupiter)
  • तत्व: प्रकाश/मन (Light/Mind)
  • जीवन क्षेत्र: अंतर्ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्म
  • दिक्कतें: कन्फ्यूजन, मानसिक थकान, निर्णायकता की कमी
  • जन्मकुंडली संकेत: गुरु नीच का या छठे/अष्टम भाव में
  • उपचार:
    • मंत्र का जाप करें
    • गुरुवार का व्रत करें, पीले वस्त्र पहनें
    • ब्राह्मी, तुलसी का सेवन करें
    • ध्यान और मेडिटेशन से अंतर्ज्ञान विकसित करें

7. सहस्रार चक्र (Crown Chakra) – मौन/ध्यान

  • स्थान: सिर के ऊपर
  • ग्रह: सूर्य (Sun)
  • तत्व: ब्रह्म (Cosmic Energy)
  • जीवन क्षेत्र: आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान, ईश्वर से संबंध
  • दिक्कतें: उद्देश्यहीनता, आध्यात्म से दूर जाना
  • जन्मकुंडली संकेत: सूर्य नीच का या राहु से पीड़ित
  • उपचार:
    • मौन ध्यान करें
    • आत्मचिंतन करें – मैं कौन हूँ?
    • रविवार को सूर्य नमस्कार और तांबे का दान करें
    • गुरु का सान्निध्य प्राप्त करें

निष्कर्ष: Liberation from HRCM through Chakra Healing & Astrology

जब आप अपनी कुंडली को देखकर यह पहचानते हैं कि कौन से ग्रह कमजोर हैं, और उनसे जुड़े चक्रों को बैलेंस करते हैं — तब आपकी ऊर्जा एक Divine Alignment में आ जाती है।
आपका Health सुधरने लगता है, Relationships में प्यार और सम्मान आता है, Career में रास्ते खुलते हैं, और Money Flow अपने आप बढ़ने लगता है।

यह यात्रा सिर्फ एक रिचुअल नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा है – From Blockages to Bliss, From Pain to Purpose.


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