अपने पहले बच्चे की कुंडली से पिता की कुंडली बनाना — आसान तरीका
Simple & practical — यदि पिता/माता की जन्म-तिथि या जन्म-समय उपलब्ध नहीं है, तो यह तकनीक आपके लिए है। (हिंदी + English notes)
📌 मूल नियम / Basic Rules
- केवल पहले बच्चे की कुंडली से पिता (या माता) की कुंडली तैयार करें।
- बच्चे की कुंडली का 10वाँ भाव (10th house) पिता का भाव माना जाएगा — यह पिता की लग्न का प्रारम्भिक बिंदु होगा।
- बच्चे की कुंडली में ग्रह जिन राशियों में हैं, वे ग्रह पिता की कुंडली में भी उसी राशियों में लिखे जाएंगे।
🔧 स्टेप-बाय-स्टेप / Step-by-Step
- बच्चे की कुंडली खोलिए और 10वें भाव में लिखी राशि नोट कीजिए।
- उसी राशि को पिता की लग्न (Ascendant) मानकर पिता की कुंडली बनाइए।
- बच्चे की कुंडली में मौजूद ग्रहों को पिता की कुंडली में समान क्रम व स्थानों पर स्थानांतरित कर दीजिए।
- अब पिता की कुंडली में लग्नेश, 6ठा-घर, 10वाँ-घर आदि देखकर भविष्यवाणी कीजिए।
📖 उदाहरण (Example)
यदि बच्चे के 10वें भाव में तुला है → पिता की लग्न = तुला।
10वें भाव के स्वामी (Lord) = शुक्र (Venus)। तो पिता की कुंडली में जहाँ-जहाँ शुक्र संबंधित नक्षत्र/राशि होंगे, उन जगहों पर ध्यान दे कर भविष्यवाणी कीजिए।
🔎 प्रेडिक्शन टिप्स / Prediction Tips
- लग्नेश 6वें घर में: शुरुआती जीवन में संघर्ष, बाद में स्थिरता।
- शनि 10वें घर में: प्रोफेशन में ऊँच-नीच लेकिन अंत में सफलता।
- सूर्य 5वें घर में: पिता ज्ञानवान और आध्यात्मिक/पारंपरिक प्रवृत्ति के हो सकते हैं।
- बृहस्पति + शुक्र: शिक्षा, कंसल्टेंसी, अध्यापन, ऑनलाइन कार्य/सलाह से जुड़ा करियर संभव।
नोट: पारंपरिक रूप से 9वाँ भाव पिता का भाव माना जाता है, पर इस तकनीक में बच्चे के 10वें भाव को पिता के लग्न के रूप में लिया जाता है — यह एक प्रयोगिक/प्राचीन तकनीक है और अनुभव से प्रयोग किया जाता है।
📝 स्वास्थ्य और रोग / Health
पिता के लम्बे रोग/स्वास्थ्य संबंधी प्रवृत्तियों के लिए पिता की बनी कुंडली में 6ठा भाव देखें — उसके लॉर्ड और उस पर पड़े प्रभाव से रोग-संकेत निकलते हैं।
✨ निष्कर्ष / Conclusion
यदि पिता/माता की जन्म-तिथि नहीं है — तो पहले बच्चे की कुंडली से पिता की कुंडली बनाकर आप आर्थिक, स्वास्थ्य और पेशेवर जीवन के बारे में सटीक संकेत पा सकते हैं।
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अपने पहले बच्चे की कुंडली से पिता की कुंडली बनाने का तरीका
🔹 परिचय
बहुत से लोगों के पास अपनी जन्म तिथि (Date of Birth) या समय (Time of Birth) उपलब्ध नहीं होता। खासकर पिता या माता की जन्म कुंडली बनाते समय यह समस्या आती है। ऐसे में एक बेहद सरल और प्रभावी ज्योतिषीय तकनीक है जिसके माध्यम से आप अपने पहले संतान (चाहे पुत्र या पुत्री) की कुंडली से पिता की संपूर्ण कुंडली बना सकते हैं।
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🔹 आधारभूत नियम
1. केवल पहले बच्चे की कुंडली से पिता की कुंडली बनाई जाती है।
दूसरे या तीसरे बच्चे की कुंडली से यह नहीं बनती।
2. बच्चे की कुंडली का 10वां भाव (Tenth House) पिता का भाव माना जाता है।
3. बच्चे की कुंडली के 10वें भाव में जो राशि (Zodiac Sign) होती है, वही पिता की लग्न राशि बन जाती है।
4. बच्चे की कुंडली में ग्रह जिस राशि में बैठे होंगे, उसी राशि में वे ग्रह पिता की कुंडली में भी लिखे जाएंगे।
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🔹 कुंडली बनाने की प्रक्रिया
1. Step 1: बच्चे की कुंडली देखिए।
10वें भाव (Tenth House) में जो राशि है, वही पिता की लग्न राशि बनेगी।
2. Step 2: उस राशि के स्वामी ग्रह (Lord) को नोट करें।
जैसे: यदि 10वें भाव में "वृषभ राशि" है तो स्वामी शुक्र (Venus) होगा।
3. Step 3: पिता की कुंडली इसी लग्न से शुरू होगी।
बच्चे की कुंडली के सभी ग्रह पिता की कुंडली में भी उसी क्रम में बैठा दें।
4. Step 4: अब इस पिता की बनी कुंडली में ग्रहों के आधार पर फलादेश करें।
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🔹 फलादेश (Prediction) कैसे करें?
1. लग्नेश (Ascendant Lord):
पिता की कुंडली में लग्नेश जहां बैठा है, वही उनके जीवन की दिशा और संघर्ष बताता है।
यदि लग्नेश 6वें भाव में है → जीवन की शुरुआत में संघर्ष, बाद में स्थिरता।
2. नक्षत्र का उपयोग:
बच्चे की कुंडली में जिस नक्षत्र में ग्रह बैठे हैं, उसके नक्षत्र स्वामी से भी पिता की कुंडली के विशेष फल निकाले जा सकते हैं।
3. ग्रहों का महत्व:
शनि (Saturn) 10वें भाव में: पिता का प्रोफेशन जीवन बहुत Ups & Downs वाला होगा लेकिन अंत में ऊँचाई पर पहुँचेंगे।
सूर्य (Sun) पंचम भाव में: पिता ज्ञानवान, पूजा-पाठ में विश्वास रखने वाले होंगे।
बृहस्पति (Jupiter) + शुक्र (Venus): पिता शिक्षा, ज्ञान, कंसल्टेंसी, ऑनलाइन कार्य या अध्यापन में संलग्न हो सकते हैं।
4. स्वास्थ्य और रोग:
पिता का रोग और लंबी बीमारी जानने के लिए पिता की बनी कुंडली के 6वें भाव का अध्ययन करें।
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🔹 विशेष बातें
9वां भाव (Ninth House) को सामान्यतः पिता का भाव माना जाता है, परंतु इस तकनीक में 10वां भाव ही पिता का वास्तविक भाव माना जाएगा।
यही विधि माता की कुंडली पर भी लागू की जा सकती है।
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🔹 निष्कर्ष
यदि आपके पास पिता की जन्मतिथि या समय उपलब्ध नहीं है, तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है।
👉 बस अपने पहले संतान की कुंडली उठाइए और उसके 10वें भाव से पिता की पूरी कुंडली तैयार की जा सकती है।
👉 यह तकनीक सरल भी है और अनुभव से यह 100% सटीक परिणाम देती है।
जय शनिदेव। 🙏
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